स्वर्ण के मुकाबले में चीन की वापसी, 2-2 से बराबर किया मैच, अब मिथुन पर दारोमदार
भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम एशियाई खेलों में ऐतिहासिक पहला स्वर्ण पदक जीतने के इरादे से उतरी है। फाइनल में उसका सामना मजबूत चीन से जारी है। पहले मैच में पुरुष एकल में लक्ष्य सेन ने शी यूची को हराया, जबकि दूसरे मैच में पुरुष युगल में सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने योंग डुओ लियांग और वेंग चेंग को हरा दिया। तीसरे मैच में किदांबी श्रीकांत को ली शिफेंग के खिलाफ सामना करना पड़ा। चौथे मैच में चीन के लियु युचेन और ओउ जुआनयी ने ध्रुव कपिल और साई प्रतीक की जोड़ी को हरा दिया। चीन ने जबरदस्त वापसी करते हुए स्कोर को अब 2-2 कर दिया है। अब भारत को स्वर्ण दिलाने की जिम्मेदारी मिथुन मंजूनाथ के हाथों में है। निर्णायक मुकाबले में उनका सामना वेंग होंगयांग से है। पहला गेम वेंग ने 21-12 से अपने नाम किया।
पहले मैच में लक्ष्य सेन और शी यूची आमने-सामने आए। इस मैच को लक्ष्य ने 22-20, 14-21, 21-17 से अपने नाम किया। लक्ष्य और शी यूची के बीच पहले गेम में कड़ी टक्कर हुई। लक्ष्य ने पहले गेम को 22-20 से अपने नाम किया था। इसके बाद शी यूची ने वापसी की और 21-14 से अपने नाम किया। तीसरे गेम में लक्ष्य एक वक्त 13-9 से पिछड़ रहे थे। इसके बाद उन्होंने जबरदस्त वापसी की और 16-16 से बराबर कर दिया। इसके बाद इस गेम को लक्ष्य ने 21-17 से अपने नाम किया। इस तरह भारत ने चीन पर 1-0 की बढ़त बनाई।
दूसरे मैच में पुरुष युगल में चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी का सामना योंग डुओ लियांग और वेंग चेंग से हुआ। चिराग-सात्विक ने पहला गेम आसानी से 21-15 से जीत लिया। इस गेम में भारतीय जोड़ी ने दबदबा बनाए रखा और चीनी जोड़ी को अंक नहीं अर्जित करने दिए। इसके बाद दूसरे गेम को भी चिराग-सात्विक ने 21-18 से जीता। इस तरह दोनों ने भारत को चीन पर 2-0 की बढ़त दिलाई। तीसरे मैच में एकल में भारत के किदांबी श्रीकांत का सामना शिफेंग ली से हुआ। शिफेंग ने पहले गेम में श्रीकांत को 24-22 से हरा दिया। इसके बाद दूसरे गेम में शिफेंग ने श्रीकांत को 21-9 से हरा दिया। चीन ने वापसी करते हुए बढ़त को 1-2 कर दिया है। चीन के लियु युचेन और ओउ जुआनयी ने ध्रुव कपिल और साई प्रतीक की जोड़ी को 21-6, 21-15 से हरा दिया।
सिंगल्स में भारत के लिए लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत और मिथुन मंजूनाथ उतरेंगे। वहीं, डबल्स में चिराग शेट्टी और सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी, साई प्रतीक और ध्रुव कपिला की जोड़ी चुनौती पेश करेगी। चीन की ओर से शी यूची, शिफेंग ली और वेन होंग यान सिंगल्स में चुनौती देंगे। वहीं, डबल्स में योंग डुओ लियांग और वेंग चेंग, लियु युचेन और ओउ जुआनयी चुनौती देंगे। भारत के नंबर वन बैडमिंटन प्लेयर एचएस प्रणय पीठ में चोट की वजह से चीन के खिलाफ फाइनल नहीं खेलेंगे।
भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने एशियाई खेलों में आज तक कभी स्वर्ण नहीं जीता है। इस स्पर्धा में भारत को पिछला पदक 1986 में आया था। पुरुष टीम ने कांस्य से ज्यादा इस स्पर्धा में कोई पदक नहीं जीता है। 1974 और 1982 में भी भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने कांस्य ही जीता था। भारतीय टीम अगर स्वर्ण जीतती है तो यह 61 वर्षों में पहली बार होगा जब टीम यह पदक जीतेगी। पुरुष बैडमिंटन टीम इवेंट एशियाई खेलों में 1962 से खेला जा रहा है।
भारतीय पुरुष टीम ने शनिवार को कड़े मुकाबले में दक्षिण कोरिया को 3-2 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। एचएस प्रणय ने जियोन ह्योक जिन को 18-21, 21-16, 21-19 से हराकर 1-0 की बढ़त दिलाई थी। सात्विक साईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को सियोंग-मिन की जोड़ी ने 13-21, 24-26 से हराया। लक्ष्य ने इसके बाद लक्ष्य ने ली यंगयू को 21-7, 21-9 से हराया। अर्जुन-ध्रुव कपिला को किम-सुंगसियोंग 16-21, 11-21 से हार मिली, लेकिन निर्णायक मुकाबले में किदांबी श्रीकांत ने चो जियोनयप को 12-21, 21-16, 21-14 से परास्त कर भारत को जिता दिया।